स्वर्गमय जीवन

सुनील कुमार माथुर

यह जीवन बडा ही अमूल्य है । अतः जीवन में नम्रता और विनम्रता को अंगीकार करें । दूसरों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करे जैसा आप दूसरों से अपने प्रति चाहते हो । आज का इंसान बडा ही विचित्र है । वह कभी भी अपने अधिनस्थ कर्मचारी की तारीफ एवं प्रशंसा नहीं करता है और न हीं उसकी प्रशंसा में कभी कोई दो शब्द मिठे बोलता है । चूंकि वह यही सोचता है कि अगर मैने इसकी प्रशंसा कर दी तो कल यह वेतन बढाने की मांग न कर बैठे।

बस इसी छोटी सोच के कारण मालिक अपने कर्मचारी की प्रशंसा नहीं करता है भले ही वह कितना भी अच्छा व श्रेष्ठ कार्य क्यों न करता हो । अतः जीवन में कभी भी सोची सोच न रखें अपितु बडी सोच रखकर ही आगे बढें । आपकों सफलता अवश्य ही मिलेगी।

सुख-शांति में जितना हमारा समय निकल जायें , वही समय हमारा है । नये लोगों से संपर्क होने से न केवल नयापन ही महसूस होता हैं अपितु जीवन में एक नया उत्साह , उमंग व नई ऊर्जा का संचार होता हैं और एक नई बात सुनने – समझने को मिलती है और हमारे व्यक्तित्व में नये पन के साथ अद् भूत निखार आता हैं।

सन्त महात्मा और हमारे बडे बुजुर्ग हमें सही मार्गदर्शन करते है । अच्छे बुरे का ज्ञान कराते है , परन्तु जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रयास तो हमें ही करने होगे । अतः जीवन में नकारात्मक सोच का त्याग कर सकारात्मक सोच को अपनायें और सकारात्मक सोच के साथ ही आगे बढे ।सकारात्मक सोच जीवन को सुंदर बनाती है और इसी के साथ जीवन स्वर्गमय बन जाता हैं।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

सुनील कुमार माथुर

स्वतंत्र लेखक व पत्रकार

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

4 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights