ईश्वर जो कुछ भी करता है उसमें हमारा भला ही छिपा होता हैं। हमारे माता – पिता और गुरू ईश्वर के प्रतिनिधि ही हैं, इसलिए इनके प्रति भी ईश्वर जैसी ही श्रध्दा होनी चाहिए और यही हमारे आदर्श संस्कार हैं । दुकानदार के लिए जैसे ग्राहक ईश्वर तुल्य होता है, ठीक उसी प्रकार गृहस्थी … Continue reading भगवान और भक्त
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