कोरोना का कहर : लापहरवाही करना ठीक नहीं

सुनील कुमार माथुर

कोरोना महामारी ने एक बार फिर से दस्तक दे दी हैं । यह कोरोना की तीसरी लहर हैं और कोरोना के बढते मरीजों की संख्या के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वे चिंताजनक है और जनता को भयभीत करने वाले भी हैं । इसके बावजूद भी दूसरी ओर लापहरवाह लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो बिना मास्क लगायें व सोशलडिस्टेशिग की पालना किये बिना इधर-उधर आ जा रहें है और घूमफिर रहे हैं । ऐसे लापहरवाह लोग दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं । चाय की होटलों पर ऐसे लापहरवाह लोग सर्वाधिक देखे जा सकते हैं जिन्हें पकड कर दंडित किया जाना चाहिए ।

इसी के साथ ही साथ समाचार पत्र व टी वी भी दिन भर आंकड़े प्रस्तुत कर जनता को डरा रहें है । वही सोशल मीडिया भी यही कर रहा हैं । अगर आंकड़ो को बताना बंद नहीं किया गया तो कई लोग तो भय से ही मर जायेंगे । कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हमने अनेक परिजनों को खो दिया । अब ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसलिए सावधानी बरतनी अति आवश्यक है । इन आंकड़ो को देखकर हर कोई डर रहा हैं और भयभीत होकर जी रहा हैं । कोरोना का यह कहर कहीं निर्दोष लोगों व बेगुनाहो की जान न ले बैठे ।

समाचार पत्रों व टी वी चैनलों को चाहिए कि वे कोरोना को इतनी प्रमुखता के साथ स्थान न दे । हर बीमारी का उपचार है जिसे जुर्माना लगाकर या दंड देकर काबू में नहीं किया जा सकता हैं । अतः जनता-जनार्दन को चाहिए कि वे सरकारी कोरोना गाइड लाइन की पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ सुचारू रूप से पालना सुनिश्चित करें । कोरोना गाइड लाइन जनहित में है न कि एक बोझ स्वरूप ।

इसे बोझ या मजबूरी न समझे बल्कि अपने सुखी व खुशहाल जीवन , परिवार व समाज के सुखी व खुशहाल जीवन के लिए हैं । पुलिस , प्रशासन व सरकार आखिरकार कब तक समझाईश करती रहेगी व जनता के पीछे पीछे जुर्माना लगाने हेतु घूमती रहेगी । आखिर उनके भी तो अपने – अपने विभाग के काम हैं जो उन्हें करने हैं । अतः जनता-जनार्दन कोरोना कि गाइडलाइन की पालना पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ सुचारू रूप से करें तभी हम कोरोना महामारी पर आसानी से काबू पा सकतें है चूंकि जन सहयोग से ही लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता हैं ।

सरकार व प्रशासन अपने अपने काम कर रहें है तो फिर हमें कोरोना की सरकारी गाइडलाइन की पालना करने में आनाकानी व हिचकिचाहट क्यों ? कोरोना की तीसरी लहर चल रही हैं और कोरोना से बचाव हेतु टीकाकरण किया जा रहा हैं और सभी सरकारी शिक्षण संस्थान बंद हो चुके है और ऑनलाइन क्लासे चल रही हैं । सरकारी व प्राइवेट संस्थानों में भी घर बैठे कामकाज हो रहा हैं ।

अगर हम अब भी न चेते तो वह दिन दूर न होगा कि सरकार को फिर से लाॅकडाउन लगाना पडें और हमारे काम धंधे चौपट हो जायें । कोरोना की तीसरी लहर में हम इसके घातक परिणाम भुगत चुके हैं । अगर फिर से लाॅकडाउन लगा तो समझों हम जिन्दगी भर आर्थिक स्थिति से उभर नहीं पायेंगे और रोटी – रोटी को मोहताज हो जायेंगे चूंकि ऐसे वक्त में व्यापारी जनता-जनार्दन को धड़ल्ले से लूटते हैं और जमकर कालाबाजारी करते हैं ।

अब भी वक्त हैं कि जनता-जनार्दन चेत जायें और तनिक भी लापहरवाही न बरतें । यह वक्त समझदारी से काम लेने का हैं अपने दिल पर हाथ रखकर सोंचिये कि उन परिवारों पर क्या बीत रही होगी जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में अपने परिवारजनों को खोया हैं । अतः अब भी वक्त हैं कि संभल जाओं और कोरोना को हल्के में न ले । सजग व सतर्क रहें । सुरक्षित रहें और कोरोना की गाइडलाइन की पालना पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ करें और इस महामारी को जड से खत्म करनें में प्रशासन व सरकार का सहयोग करें ।

कोरोना महामारी ने जिस वक्त दस्तक दी थी तब सरकार ने टीकाकरण को स्वैच्छिक रखा था चूंकि सरकार को उम्मीद थी कि हम इस पर शीघ्र काबू पा लेगे । लेकिन जनता-जनार्दन की लापहरवाही ने सरकार के प्रयासों को सफल नहीं होने दिया तब मजबूरन सरकार को कोरोना से मुक्ति पाने हेतु टीकाकरण को अनिवार्य करना पडा । अतः जनता-जनार्दन समय पर टीकाकरण करायें और सरकारी गाइडलाइन की पालना करें व कोरोना को हल्के में न ले एवं इससे बचने के लिए दूसरों को भी जागरूक व सतर्क करें ।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

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33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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