*****

*****

साहित्य लहर

कलह

सुनील कुमार माथुर

देखो इस संसार में
चारों ओर कलह है

पिता पुत्र में, सास बहू में
नेता और जनता में
गुरु और शिष्य में
संसद में, घर परिवार में
सर्वत्र कलह ही कलह है

कोई किसी की भी नहीं सुनता है
हर कोई अपनी मर्जी का
मालिक लगता है
हर कोई अपने स्वार्थ में
अपने हित का अंधा है

तभी तो यह कलह का झगङा है
हर कोई कुर्सी का भूखा है
रिश्वत का बंदा है
तभी तो कलह का झगङा है


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

7 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights