_____

Government Advertisement

_____

Government Advertisement

_____

धर्म-संस्कृति

कृष्ण लीला : एक दिव्य यात्रा

कृष्ण लीला : एक दिव्य यात्रा… आज भी, कृष्ण की शिक्षाएं हमारे लिए प्रासंगिक हैं। हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। आप भी भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाइए और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल कृष्ण के जीवन और लीलाओं … #सत्येन्द्र कुमार पाठक

सनातन धर्म का पुराणों, स्मृति ग्रन्थों के अनुसार भगवान कृष्ण ज्ञान, योग, भक्ति और प्रेम का जीवंत रूप हैं। आइए, हम साथ मिलकर कृष्ण की उस दिव्य यात्रा पर निकलें जिसमें उन्होंने मथुरा के कंस का वध किया, गोवर्धन पर्वत उठाया और राधा के साथ रासलीलाएं रचाईं।

मथुरा का कारागार और गोकुल का प्यार – उत्तरप्रदेश राज्य के मथुरा का एक अत्याचारी राजा कंस था। उसने भविष्यवाणी सुनी थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा। इस डर से उसने देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल दिया। कृष्ण के जन्म के बाद, वासुदेव ने उन्हें यमुना नदी पार करके गोकुल में नंद और यशोदा के यहां पहुंचा दिया। यशोदा ने कृष्ण को अपने लाल बेटे की तरह पाला।

बाल लीलाएं – गोकुल में, कृष्ण ने कई चमत्कारिक लीलाएं कीं। उन्होंने पूतना राक्षसी का वध किया, शकटासुर को नष्ट किया और गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोपियों और गायों को बचाया। इन लीलाओं के माध्यम से उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति का प्रदर्शन किया।

मथुरा विजय और द्वारका नगरी – बड़े होने पर, कृष्ण ने मथुरा जाकर कंस का वध किया। उन्होंने मथुरा को अधर्म से मुक्त कराया और द्वारका नगरी की स्थापना की। द्वारका में उन्होंने पांडवों का साथ दिया और महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भगवद गीता का उपदेश – कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि में, कृष्ण ने अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया। इस उपदेश में उन्होंने जीवन, मृत्यु, कर्म और मोक्ष के बारे में गहरा ज्ञान दिया। भगवद गीता आज भी दुनिया भर में लोगों को प्रेरणा देती है।



राधा और रासलीलाएं – कृष्ण की लीलाओं में राधा का विशेष स्थान है। राधा और कृष्ण के प्रेम की कहानी सदियों से लोगों को मोहित करती रही है। उन्होंने वृंदावन में रासलीलाएं रचाईं, जो दिव्य प्रेम का प्रतीक हैं।

कृष्ण का स्वर्गवास – अपने जीवन काल में कृष्ण ने कई लीलाएं कीं और दुनिया को धर्म और अधर्म का ज्ञान दिया। अंत में, उन्होंने अपना मानव रूप त्याग दिया और स्वर्गलोक चले गए। भगवान कृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि कैसे हम जीवन में कर्मयोग, भक्ति योग और ज्ञान योग का पालन करके मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। उनकी लीलाएं हमें प्रेरणा देती हैं कि हम भी अपने जीवन में अच्छे कर्म करें और दूसरों की सेवा करें।



श्री कृष्ण की शिक्षाएं

कर्मयोग: कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो।
भक्ति योग: भगवान में अटूट विश्वास रखो।
ज्ञान योग: ज्ञान प्राप्त करो और मोक्ष की ओर अग्रसर हो।
प्रेम: सभी जीवों से प्रेम करो।
अहिंसा: किसी को भी दुख मत दो।
सत्य: हमेशा सत्य बोलो।



आज भी प्रासंगिक – आज भी, कृष्ण की शिक्षाएं हमारे लिए प्रासंगिक हैं। हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। आप भी भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाइए और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल कृष्ण के जीवन और लीलाओं के बारे में अधिक जानने के लिए आप भगवद गीता, श्रीमद्भागवत और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं।

कर्म और धर्म का द्योतक करमा


कृष्ण लीला: एक दिव्य यात्रा... आज भी, कृष्ण की शिक्षाएं हमारे लिए प्रासंगिक हैं। हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। आप भी भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाइए और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल कृष्ण के जीवन और लीलाओं ... #सत्येन्द्र कुमार पाठक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights