सामाजिक और पारिवारिक स्तम्भ है वृद्धजन
सामाजिक और पारिवारिक स्तम्भ है वृद्धजन… 19 अगस्त 1988 को अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 19 अगस्त 1988 को प्रत्येक वर्ष 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे व विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाने की घोषणा की थी। विश्व के परिपक्व आम प्रतिनिधियों की उपलब्धियों को जानने-समझने के लिए 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे है।
मुजफ्फरपुर ( बिहार )। विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर मुजफ्फरपुर का वरिष्ठ नागरिकों द्वारा वरिष्ठ नागरिक दिवस समारोह मुजफरपुर नया टोला अवस्थित निजी लॉज में किया गया। समारोह में चितरंजन सिन्हा कनक जी के अध्यक्षता में 90 वर्षीय वज्जिका साहित्यकार डॉ शारदा चरण वर्मा के जन्मदिवस पर उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मनित किया गया। वृद्ध जन समारोह के अवसर पर स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा कवियित्री उषाकिरण श्रीवास्तव ने कहा कि सामाजिक और पारिवारिक जीवन का स्तम्भ वृद्धजन है।
आयु के सोपान चढ़ना है नहीं कोई सजा, सोंच लो जितना नया उतनी नवल यह जिंदगी। इस समारोह में वयोवृद्ध कवि एवं साहित्यकारों में रामप्रवेश सिंह, संजय पंकज,वसंत पंकज विनोद कुमार सिन्हा,गणेश सिंह,प्रियंबदा दास,पुष्पा गुप्ता देवेंद्र कुमार रमेश प्रसाद श्रीवास्तव प्रेम कुमार वर्मा आदि गणमान्य व्यक्तियों ने वृद्धजन पर बहुमूल्य विचार दिए। लेखिका सह कवियित्री उषाकिरण श्रीवास्तव ने कहा कि सामाजिक चेतना का अग्रदूत वरिष्ठ नागरिक है।
19 अगस्त 1988 को अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 19 अगस्त 1988 को प्रत्येक वर्ष 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे व विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाने की घोषणा की थी। विश्व के परिपक्व आम प्रतिनिधियों की उपलब्धियों को जानने-समझने के लिए 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे है। विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हमें वरिष्ठ नागरिकों के समर्पण, उपलब्धियों और जीवनपर्यंत की गई सेवाओं का सराहना करने का एक अवसर प्रदान करता है।
वरिष्ठ नागरिक की सूझबूझ, ज्ञान और अनुभव की बदौलत हमारे सामज को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका हैं। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिवेदन के अनुसार 2050 तक विश्व में 1.5 बिलियन लोग वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में होंगे। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कोरोना महामारी ने वैश्विक स्तर पर मौजूदा असामानताओं को बढ़ाने का काम किया है।
गत तीन वर्षों में सामाजिक-आर्थिक की खाई बढ़ने के कारण पर्यावरण समेत स्वास्थ्य और जलवायु संबंधी प्रभाव उम्रदराज लोगों के पर कहीं अधिक पड़ा है। वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे अवसर उपलब्ध कराता है कि हम वरिष्ठ नागरिकों बारे में जागरूकता फैलाकर उपलब्धियों और जीवन में उठाई चुनौतियों का सम्मान करें। वरिष्ठ नागरिक संरक्षण से समाज और परिवार संरक्षित रहेगा।