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साहित्य लहर

कविता : हे वतन तुझे सलाम

कविता : हे वतन तुझे सलाम… हर दुःखी को गले लगा कर तू हमें हर्षित और गौरवान्वित महसूस करवाता हैं एक राष्ट्र एक ध्वज बजा रहा है अमन-चैन का डंका हंसते मुस्कुराते रहे मेरे हर देशवासी हे वतन तुझे सलाम है आजादी के गीत बजते रहें और लहर लहर लहराता रहे यह तिरंगा… #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर

हे वतन तुझकों हम
सदैव सलाम करते हैं
हम तेरे हैं और
सदैव तेरे ही रहेंगे
तू ही हमारी आन,
बान और शान हो
वीर शहीदों की याद भी

हर वर्ष तू ही दिलाता हैं
तेरे जज्बे को हमारा सलाम है
विविधता में एकता का पाठ
तू ही हमें कराता हैं
हर दुःखी को गले लगा कर
तू हमें हर्षित और
गौरवान्वित महसूस करवाता हैं

एक राष्ट्र एक ध्वज
बजा रहा है अमन-चैन का डंका
हंसते मुस्कुराते रहे
मेरे हर देशवासी
हे वतन तुझे सलाम है
आजादी के गीत बजते रहें
और
लहर लहर लहराता रहे
यह तिरंगा

हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा वितरण कार्यक्रम


कविता : हे वतन तुझे सलाम... हर दुःखी को गले लगा कर तू हमें हर्षित और गौरवान्वित महसूस करवाता हैं एक राष्ट्र एक ध्वज बजा रहा है अमन-चैन का डंका हंसते मुस्कुराते रहे मेरे हर देशवासी हे वतन तुझे सलाम है आजादी के गीत बजते रहें और लहर लहर लहराता रहे यह तिरंगा... #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर

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