_____

Government Advertisement

_____

Government Advertisement

_____

आपके विचार

स्वास्थ्य लाभ के लिए जरूर अपनाएं “योग”

स्वास्थ्य लाभ के लिए जरूर अपनाएं “योग”, यह एक ऐसा व्यायाम है जिसके पश्चात किसी भी प्रकार के व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं होती इसमें योग की भांति ही हर मुद्रा का अपना ही फायदा है जिसके करने से शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं। #आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)

विश्व भर में आज कोई भी योग की जानकारी से कोई अछूता नहीं रहा है। आज हर किसी की जुबान पर योग के विषय पर ही चर्चा रहती है। हमारा मानव शरीर भी किसी मशीन की तरह ही है, स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए खान-पान से लेकर पाचन शक्ति को दुरुस्त रखना भी जरूरी है।

यूं तो अक्सर हम अपने शरीर के लिए कई प्रकार की एक्सरसाइज व जिम इत्यादि में जाकर फिटनेस का ध्यान रखते हैं, परंतु जो लोग किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज या जिम ज्वाइन नहीं कर सकते, वह लोग अपने आप को दुरुस्त रखने के लिए योग की सहायता ले सकते हैं। योग में ऐसे कई प्रकार के आसन है, जिनके उपयोग से आप वृद्धावस्था में भी अपने आप को फिट रख सकते हैं।

इनमें से हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा बताए गए 8 आसन प्रमुख है जिनके द्वारा हम स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ, परमात्मा की प्राप्ति साधन भी जान सकते हैं यह आत्मा की शुद्धि के लिए भी जरूरी है। योग द्वारा हमें आत्म बल मिलता है,शरीर को ऊर्जा और मन को स्थिरता प्राप्त होती है। इन्हें हम अष्टांग आसन के नाम से भी जानते हैं। यह निम्न प्रकार से हैं : – 1. यम, 2. नियम, 3. आसान, 4. प्राणायाम, 5. प्रत्याहार, 6. धारणा, 7. ध्यान, 8. समाधि।

यह सब आसन की मुद्राएं है जिन्हें हम घर पर आसानी से बैठकर कर सकते हैं इसके अलावा यदि योगासन की विधियां जानना चाहते हैं तो वह हमें किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से ही सीखना चाहिए। इसीलिए ही शायद हमारे बुजुर्ग लोग ” सूर्य नमस्कार ” को ज्यादा मानते थे क्योंकि सूर्य नमस्कार भी योग की तरह ही विधिपूर्वक करने से हमारे शारीरिक रचना के तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और इसके कई फायदे हैं।

यह एक ऐसा व्यायाम है जिसके पश्चात किसी भी प्रकार के व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं होती इसमें योग की भांति ही हर मुद्रा का अपना ही फायदा है जिसके करने से शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं। इसमें 12 मुद्राएं होती हैं । इसमें अनाहत चक्र,विशुद्धि चक्र, मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, अनाहत चक्र, आज्ञा चक्र, मणिपुर चक्र सहस्त्रार चक्र इन सभी चक्रों को ऊर्जा प्रदान होती है, जिससे हमारा शरीर चुस्त और दुरुस्त होने के साथ-साथ हमारी पाचन शक्ति भी दुरुस्त हो जाती है।

इसीलिए शायद कहा है” योगा से ही होगा ” आज भारतवर्ष की संस्कृति का योग पूरे विश्व में अपनी प्रसिद्धि के कारण लोकप्रिय हो गया है ।हमारे भारत के ही पतंजलि योग संस्थान के सेंटर आज कई जगह विश्व प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं और विदेशों में भी योग निरंतर लोग अपना रहे हैं ताकि उनके शरीर को निरोग प्राप्त हो।

आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका), ग्वालियर, मध्य प्रदेश
यह लेखक के स्वतंत्र विचार है। (साहित्यकार,समाजसेवी, शिक्षाविद्)

कविता : संस्पर्श


👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।

स्वास्थ्य लाभ के लिए जरूर अपनाएं "योग", यह एक ऐसा व्यायाम है जिसके पश्चात किसी भी प्रकार के व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं होती इसमें योग की भांति ही हर मुद्रा का अपना ही फायदा है जिसके करने से शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं। #आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights