UKSSSC : शासन और आयोग के बीच फुटबाॅल बनीं आठ भर्तियां
यह भर्तियां हुई थीं रद्द
नौ सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने वाहन चालक, मत्स्य निरीक्षक, कर्मशाला अनुदेशक और मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार भर्ती को रद्द करने का निर्णय लिया था। इसकी जानकारी सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने कैबिनेट ब्रीफिंग में दी थी।
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आठ भर्तियों को लेकर दुविधा बढ़ती जा रही है। पहले कैबिनेट ने इनमें से चार भर्तियों को रद्द किया लेकिन लिखित आदेश जारी नहीं किया। बाद में आयोग ने शासन से आठों भर्तियों पर राय मांगी। अब शासन ने भर्तियों को रद्द करने के फैसले को दरकिनार कर आयोग से खुद निर्णय लेने को कहा है।
हालांकि, आयोग पहले ही तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति का गठन कर चुका है। पेपर लीक प्रकरण के बाद सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 23 भर्तियों को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के हवाले कर दिया था। कैबिनेट बैठक में इस पर निर्णय होने के साथ चार भर्तियों को रद्द कर दिया गया था। इनका परिणाम जारी नहीं हुआ था।
हालांकि, कैबिनेट के फैसले का कोई लिखित आदेश नहीं हुआ। लिहाजा, आयोग के सचिव एसएस रावत ने 29 सितंबर को शासन को पत्र भेजकर आठ भर्तियों पर राय मांगी थी। इनमें चार भर्तियां शासन ने रद्द की थीं और चार की परीक्षा नहीं हुई थी। इसमें कहा गया कि यह सभी भर्तियां भी दागी आरएमएस कंपनी ने कराई थीं। ऐसे में यह कितनी सही हुई हैं, यह कहना मुश्किल है। शासन अपने स्तर से जांच करे और इन भर्तियों पर फैसला ले।
बाद में आयोग के नए अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बोर्ड बैठक कर इन भर्तियों पर निर्णय के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया था। अब शासन ने पुराने पत्र का जवाब भेजा है। इसमें कहा गया है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधिनियम 2014 और संचालन विनियम 2015 के विनियम 14(14) के अनुसार परीक्षाओं का संचालन और उनको रद्द या निरस्त करने की शक्ति प्राप्त है। इसीलिए आयोग अपने स्तर से कार्रवाई करे।
इन भर्तियों पर आयोग ने मांगी थी राय
एलटी : 1431 पद, उत्तराखंड वैयक्तिक सहायक : 600 पद, कनिष्ठ सहायक : 700 पद, पुलिस रैंकर्स : 250 पद, वाहन चालक : 164 पद, कर्मशाला अनुदेशक 157 पद, मत्स्य निरीक्षक 26 पद, मुख्य आरक्षी दूरसंचार 272 पद।