काशीपुर : पिस्टल बोलेगी, हत्या का राज खोलेगी
वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ ही गोली का बैलेस्टिक व्यास इस राज से पर्दा हटाएगा कि गुरजीत का कातिल कौन है। इस हत्याकांड की विवेचना काशीपुर कोतवाल मनोज रतूड़ी को सौंपी गई है।
काशीपुर। ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरजीत की मौत पुलिस की गोली से हुई है या नहीं, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली के व्यास से तय होगा। गोली के कैलिबर के आधार पर पुलिस मौके से मिली पिस्टल की बैलेस्टिक जांच कराएगी। इसके बाद क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी और गुरजीत के शरीर के पार हुई गोली की तलाश करेगी।
अगर गोली मिल गई फिर पुलिस की जांच आसान हो जाएगी। फोरेंसिक जांच के बाद एफएसएल रिपोर्ट इस राज पर से पर्दा हटाएगी कि गुरजीत की मौत पुलिस के पिस्टल से निकली गोली से हुई है अथवा किसी दूसरी बुलेट से। गुरजीत के पति गुरताज ने बताया है कि मौके से मिली पिस्टल से ही उनकी पत्नी की हत्या हुई है। ये पिस्टल यूपी पुलिस की है। उत्तराखंड पुलिस भी यही मानकर चल रही है कि सरकारी पिस्टल से निकली गोली गुरजीत की मौत की वजह बनी है।
फोरेंसिक टीम को भी घटनास्थल से 9 एमएम के तीन सरकारी पिस्टल और खोखे मिले हैं। मौके पर किसी और असलहे के खोखे नहीं पाए गए। ऐसे में गुरजीत के परिजनों के आरोप और भी पुख्ता हो जाते हैं। बुधवार देर रात गुरजीत के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल ने किया, लेकिन शरीर से कोई बुलेट नहीं मिला।
आमतौर पर 30 मीटर दूरी से 9 एमएम पिस्टल से चली गोली शरीर से बाहर नहीं निकल पाती। अगर पिस्टल से पांच मीटर से कम दूरी से फायर किया जाता है तो गोली शरीर से आर-पार हो जाती है। ऐसी स्थिति में गोली लगने वाले स्थान पर कालापन आ जाएगा। गुरजीत के शरीर में बुलेट नहीं मिलने से मामला उलझ गया है। अगर कम दूरी से गोली चली है तो घाव वाले स्थान पर ब्लैकनेस क्यों नहीं है। इसका जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलेगा कि गोली के छेद का बैलेस्टिक व्यास कितना है।
इसके साथ फोरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट गोली चलने की दूरी तय करेगी। पुलिस ने मौके से बरामद पिस्टलों से भी फिंगरप्रिंट लिए हैं। डीएनए टेस्ट के लिए गुरजीत के बालों का सैंपल भी एकत्र किया गया है। वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ ही गोली का बैलेस्टिक व्यास इस राज से पर्दा हटाएगा कि गुरजीत का कातिल कौन है। इस हत्याकांड की विवेचना काशीपुर कोतवाल मनोज रतूड़ी को सौंपी गई है।