बापू के नाम खुला खत
सुनील कुमार माथुर
आदरणीय बापू , चरण स्पर्श।
दो अक्टूबर का दिन देशवासियों के लिए उत्साह व उमंग का दिन है चूंकि दो अक्टूबर को आपका और पूर्व प्रधानमंत्री स्व० लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिवस मनाया जाता है । यह एक बहुत बडी उपलब्धि है कि इन दोनों महान हस्तियों ने देश में अमनचैन व खुशहाली की खातिर अपने प्राणों की आहुति दे दी ।
स्व० लाल बहादुर शास्त्री ने ईमानदारी , निष्ठा व कर्मठता के साथ कार्य कर एक मिसाल कायम की और आपने अहिंसा के रास्ते पर चलकर भारत माता को अंग्रेज़ी दासता से मुक्त कराया और देशवासियों को आजादी से श्वास लेना सीखाया । लेकिन बापू ! आज देश में हर कोई अपनी मनमानी कर रहा है ।
देश में अमनचैन व खुशहाली की किसी को भी चिंता नहीं है । हर कोई अपने स्वार्थ की पूर्ति येन केन प्रकारेण कर रहा है और नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं । आज कानून केवल गरीबों पर ही लागू हो रहे है । भ्रष्टाचार के चलते देश की स्थिति बहुत ही खराब है । केन्द्र व राज्य सरकारें आपस में एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यारोपण कर अपना कार्यकाल पूरा कर रही है ।
भ्रष्टाचार , मंहगाई , हिंसा , बढते अपराधों , जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते जनता जनार्दन को कदम कदम पर परेशानियों का सामना करना पड रहा है लेकिन जनता की कोई सुनने वाला नहीं है । बात बात पर हिंसा का सहारा लिया जा रहा है जो कोई समस्या का समाधान नहीं है ।
बापू अंहकार के कारण हिंसा फैलती है लेकिन अंहकार में आदमी मरा जा रहा है और हिंसा का सहारा ले रहा है । बापू ! एक ओर तो हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और दूसरी ओर भ्रष्टाचार , मंहगाई के कारण हर कोई दुखी व परेशान हैं । जिस रफ्तार से मंहगाई बढी उस रफ्तार से आमजन का वेतन नहीं बढा जिसके कारण गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है । नतीजन समाज में अपराध बढने लगे है ।
अपनी जरुरत पूरी करने के लिए लोग नये नये तरीके खोज कर चोरिया कर रहे है । पुलिस भी करे तो क्या करे । वह भी तो कानून कायदो में बंधी हुई है । उस पर भी काम का दबाव हैं लेकिन पर्याप्त मात्रा में स्टाफ नहीं है । अतः बापू ! आप से हाथ जोड़ कर विनती है कि आप अपनी अहिंसा रूपी इस लाठी का एक बार चमत्कार दिखा ही दीजिये । दोषियों को दंडित कर आम जनता को तमाम परेशानियों से राहत दिलाये और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र का नव निर्माण कीजियें । बापू ! तभी गांधी जयंति की सार्थकता है अन्यथा यह जयंति भी हर वर्ष कि भांति एक औपचारिकता मात्र बनकर रह जायेगी और जनता यूं ही रोती रह जायेगी ।
बापू ! आपकों जन्म दिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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