कविता : बचा लो गऊ माता को
सुनील कुमार माथुर
हे प्रभु ! बचा लों गऊ माता को लम्पी रोग से
हर रोज गऊ माता मर रही हैं
लम्पी रोग से गऊ माता का दूध भी घट गया है
चारों ओर दूध , घी , पनीर , मक्खन,
दही – छाछ की कमी हो गई हैं
लम्पी रोग के कारण जनता ने
दूध खरीदना भी बंद कर दिया हैं
हे प्रभु ! रक्षा करो
गऊ माता को मरने से बचा लिजिए
हे प्रभु ! गऊ माता की रक्षा करों, रक्षा करो
इसे बेमौत मरने से बचा लिजिए
फिर आप जानें , यह दास तो
आप से केवल विनती ही कर सकता हैं
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¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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Nice poem
Nice poem
सरकार का कोई ध्यान नहीं है गाय को बचाने के लिए
अच्छी कविता
Awesome Poem 🙂
Nice poem
True